तुम मेरी भावना हो मेरी चाह हो,
मेरे आशाओं की अभिलाषा हो।
मेरे ह्रदय का मर्म हो मेरा धर्म हो,
मेरे अभिब्यक्तियो की भाषा हो।
मेरा स्वाद, वाद और संवाद हो,
मेरे जीवन की परिभाषा हो।
तुझ बिन जीवन अपूर्ण है मेरा,
मैं हूँ कृष्ण तूम मेरी राधा हो।
मेरे आशाओं की अभिलाषा हो।
मेरे ह्रदय का मर्म हो मेरा धर्म हो,
मेरे अभिब्यक्तियो की भाषा हो।
मेरा स्वाद, वाद और संवाद हो,
मेरे जीवन की परिभाषा हो।
तुझ बिन जीवन अपूर्ण है मेरा,
मैं हूँ कृष्ण तूम मेरी राधा हो।
Waaaaaahhhh
ReplyDeleteKya pdhai ho ri h🤣
ReplyDelete👌
ReplyDeleteBahut khoob
ReplyDeleteKatai jeher
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